मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
06-08-2021, 12:47 PM,
#44
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
Hindi xxx stori--रात भर मैं चुदवाते रही

दोस्तों मेरा नाम आँचल है, मेरे माँ बाप मुझे अच्छी तरह से परवरिश की, पढ़ाया लिखाया, और फिर जो उनका अरमान था की मेरी शादी किसी अच्छे घर में हो और मेरा पति राजकुमार की तरह हो, मुझे कभी भी ज़िंदगी में किसी चीज की कमी नहीं हो, और फिर मेरी शादी जयपुर के एक प्रतिष्ठित परिवार में मेरी शादी करवा दी.
मेरी शादी को हुए अभी तीन साल हुए है, अभी मेरी उम्र २४ साल है, मैं देखने में काफी सुन्दर हु, जवानी भरपूर चढ़ी है, बदन गदराया हुआ है, ब्लाउज में चूचियाँ समाते नहीं समती, ब्रा का हालात भी ख़राब हो जाता है, क्यों की आज मैं बहुत खुश हु, और ससुराल बाले भी बहुत खुश है, मैं आपको अपनी ये कहानी आपके सामने पेश करुँगी. पहले तो मुझे लग रहा था की ये बात किसी और को बताऊँ की नहीं लोग क्या कहेंगे, कई तो ये सोचेंगे की क्या ये सही हो सकता है की कोई बहन अपने भाई से ही प्रेग्नेंट हो और खुश हो, पर हां ये मेरे साथ है, मैं खुश हु, और इसमें सिर्फ मैं अकेली नहीं हु, कई और भी है जो इस तरह का रिश्ता रखे हुए है और खुश है,
मेरी शादी बड़ी ही धूम धाम से हुई, और शादी के चार से पांच दिन बाद ही मेरे पति को दौरा पड़ा, और वो पागल की तरह करने लगे थे, उसके बाद से हम दोनों के बिच में सेक्स सम्बन्ध नहीं बना क्यों की वो सोते तो मेरे साथ थे पर उनका लण्ड खड़ा नहीं होता था मैं कितना भी हिलाती डुलाती मुंह में लेती पर कुछ भी इसका प्रभाव नहीं पड़ता था, मैं काफी परेशां हो गई थी, क्यों की मुझे सेक्स चाहिए था, उनका बदन तो काफी गठीला था देखने में काफी अच्छे थे, मैं रात को पूरा उनको नंगा कर देती थी और मैं भी पूरी नंगी होके उनके ऊपर लेटती थी और कभी उनको ऊपर करती थी पर कोई फायदा नहीं होता था, उलटे मेरा दिमाग ख़राब हो जाता था, क्यों की मेरी चूचियाँ तन जाती थी, मेरे चूत से पानी निकलने लगता था, चूत मेरी गरम हो जाती थी, चूचियों का निप्पल टाइट हो जाता था, आँखे नशीली हो जाती थी पर मैं प्यासी की प्यासी रह जाती थी.
कई महीनो तक इलाज चला, पर वो ठीक नहीं हुए, घर में वो अकेला संतान थे, एक दिन मेरी सास बोली की बहू रात को सोने में तो कोई दिक्कत नहीं है. मैंने कहा क्या माँ जी समझी नहीं तो वो फिर बोली की मैं ये पूछ रही हु तो तुम दोनों में प्यार मुहब्बत है की नहीं, मैं समझ गई, की पागलपन के दौरे के बाद वो मुझे चोद पा रहे है की नहीं, मैंने कह दिया हां, इसमें कोई दिक्कत नहीं है, तो सासु माँ बोली भगवान् का शुकर है की इस हवेली के एक चिराग मिल जायेगा, फिर सासु माँ कहने लगी, देख बेटी, तुम जल्दी से एक बच्चा कर लो, क्यों की इस घर को एक वारिश की जरूरत है नहीं तो सब कुछ खत्म हो जाएगा, मैं हैरान हो गई, मैंने सोचा इतना बड़ा रिश्ता, सब ठाठ बाट की ज़िंदगी, मुझे कुछ चाल चलना पड़ेगा ताकि मैं इस हवेली की बहूरानी ज़िंदगी भर बनी रहु, मैं दो तीन दिन तक प्लान सोचते रही, तभी मेरा भाई जो की बंगलुरु में रहता है आया, मेरे पति को देखने की अब तबियत में सुधार है की नहीं,
अपने भाई को देखकर मैं रोने लगी, उसने मुझे सांत्वना देते हुए कहा, बहन रोती क्यों है, हु ना मैं मैं इनको बड़ा से बड़ा डॉक्टर को दिखाऊंगा, ये ठीक हो जायेंगे, फिर पुरे दिन हम दोनों बातचीत करते रहे, उस दिन मेरे पति को चेकअप के लिए सासु माँ और ससुर दोनों जयपुर ले गए थे, घर में हम दोनों ही थे, शाम को मेरे ससुर जी का फ़ोन आया की हमलोग कल आएंगे. रात को कहना खाकर हम दोनों खुले छत पर घूम रहे थे और बात कर रहे थे तभी फिर से मेरी आँख छलक गई, और भाई ने मुझे गले लगा लिया, पता नहीं दोस्तों मुझे एक रूहानी एहसास हुआ और मैं अपने भाई के सीने से चिपक गई, वो मुझे अपनी बाहों में समेटे खड़ा था, और मैं उस पल का आनंद ले रही थी, तभी मैंने महसूस किया की भाई का लण्ड खड़ा हो रहा था और मेरे जांघों से सट रहा था, मेरी चूचियाँ उसके सीने से चीपकी हुई थी, फिर वो मेरे पीठ को सहलाने लगा, मैंने भी उसके पीठ को सहलाने लगी, और फिर मेरी साँसे जोर जोर से चलने लगी, और उसकी भी गरम गरम साँसे मेरे कानो के पास से गुजर रहा था, अचानक मैं थोड़ा अलग हो गई.
और दोनों निचे आ गए, थोड़े देर तक हम दोनों सोफे पे चुपचाप बैठे रहे और फिर मेरा भाई बोला क्या जीजा जी ठीक होंगे की नहीं, मैंने कहा कुछ भी नहीं पता और ऊपर से सास को पोता चाहिए, मैं कभी भी उनको पोता नहीं दे पाऊँगी, तो भाई बोला ये क्या बोल रही है, मैंने कहा हां, वो अब कुछ भी नहीं कर पा रहे है, पर ये बात मैंने अपने सास से झूठ बोला, जब वो मुझसे पूछी की सब ठीक ठाक है, तो मैंने कह दिया हां ठीक है और वो खुश हो गई, और बोली की चलो मेरे घर का चिराग आ जायेगा पर ये संभव नहीं है क्यों की मैं अकेले कैसे बच्चा दे सकती हु.
मैंने कहा काश एक बच्चा हो जाता तो मैं यहाँ की रानी बन कर राज करती क्यों की और भी कोई वारिश नहीं है इस हवेली का. और फिर दोनों चुप हो गए, तो भाई ने कहा देख बहन एक बात है, तुम्हारे सास को पोता चाहिए, तुम्हारा पति दे नहीं सकता, तुम्हे भी बेटा चाहिए, अगर तुम मेरे से हेल्प चाहती हो तो तुम्हारी ज़िंदगी बन जाएगी और ये बात किसी को पता भी नहीं चलेगा यहाँ तक की तुम्हारे हस्बैंड को भी नहीं क्यों की वो पागल है. मैं तो अपने भाई का मुंह देखने लगी, पर बात में जान था, करीब पांच मिनट तक चुप रही वो नजदीक आके बैठ गया और मेरी बालों को सहलाने लगा और फिर मेरे से गले लगा लिया और फिर कब एक दूसरे के बाहों में खो गए पता ही नहीं चला, फिर मेरा भाई मुझे गोद में उठकर बैडरूम में गया और बेड पे पटक दिया.
उसको बाद उसने मेरे ब्लाउज को उतार दिया और मेरे चूचियों को पिने लगा और दबाने लगा, मेरी चूचियाँ तन गई और निप्पल कड़ा हो गया, वो जोर जोर से मेरी चूचियों को खींचने लगा, और मेरे होठो को चूसने लगा, मैंने भी उसके होठों को चूसने लगी और उसके छाती के बालों को सहलाने लगी.
उसके बाद मेरा भाई मेरे सारे कपडे उतार दिए, और मेरी चूत की झांटो को सहलाने लगा, और फिर मेरे चूत में ऊँगली डालने लगा, मैं तो गरम हो गई थी, अब मुझे लण्ड चाहिए था क्यों की काफी दिन से लण्ड की भूखी थी, मैंने अपने भाई के लण्ड को मुंह में लिए और चूसने लगी, फिर दोनों 69 की पोजीशन में आ गए वो मेरे चूत को और मैं उसके लण्ड को चूसने लगी. और फिर वो बक्त आ गया जब मेरा भाई अपना मोटा लण्ड निकाल और मेरे चूत पे रख के जोर से धक्का मार और पूरा लण्ड मेरे चूत में घुसेड़ दिया, मैं आह आह करने लगी और फिर लगा वो जोर जोर से चोदने, वो मुझे गाली दे रहा था और मुझे वो गाली बहुत अच्छा लग रहा था मुझे जोश आ रहा था, फिर उसने मेरे चूत में सारा माल झाड़ दिया, और फिर से चूची को पिने लगा, करीब आधे घंटे बाद उसका लण्ड फिर से कड़ा हो गया और वो फिर से मुझे घोड़ी बना कर चोदने लगा,

रात भर मैं चुदवाते रही और वो मुझे चोदते रहा, मेरा भाई करीब दस दिन तक रहा था और मुझे खूब चोदा, मुझे तो ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा था जब मुझे माहवारी नहीं आई थी, डॉक्टर के पास गई तो डॉक्टर ने कन्फर्म कर दिया की मैं माँ बन्ने बाली हु, मैंने ये बात अपनी सास को बताई की मैं माँ बन्ने बाली हु वो बहुत खुश हुई, पर उनको ये पता नहीं है की ये बच्चा मेरे भाई का है, उनका बेटा तो मुझे चोद भी नहीं सकता,
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RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह - by desiaks - 06-08-2021, 12:47 PM

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