Raj sharma stories चूतो का मेला
12-29-2018, 02:27 PM,
#11
RE: Raj sharma stories चूतो का मेला
पता नहीं क्यों पर दिल बहुत खुश हो गया था ना जाने कितनी देर से उसको अपनी बाहों में लिए खड़ा था मैं न वो कुछ बोल रही थी न मैं कुछ , बस वो खामोशिया ही थी जो हमारी सांसो की ताल को पहचान रही थी आज पहली बार किसी से यु दोस्ती की थी किसी ने कबूल किया था मुझे कुछ ऐसा लग रहा था की शब्द नहीं हैं बताने को पर जब बहुत देर हो गयी तो पिस्ता धीरे से मेरी बाहों से खिसक गयी और बोली- पूरी रात क्या खड़े खड़े गुजारनी हैं 
मैं- दिल नहीं कर रहा तुमसे दूर होने को
वो- इतने पास भी ना आओ की फिर तकलीफ हो दूर जाने में
मैं- दूर किसलिए जाना हैं 

पिस्ता- कभी न कभी तो जाना ही होगा 
मैं- तब की तब देखेंगे 
वो- अच्छा तो मैं चलती हूँ, 
मैं- कहा 
वो- नींद बहुत आ रही हैं जाने दो वैसे भी अब तो मुलाक़ात होती ही रहेगी 
मैं- पर जो मेरी नींद उड़ गयी है उसका क्या 
वो- जिसने नींद उड़ाई है उस से पूछो मुझे क्या पता 
मैं- अच्छा जी , ज़ख्म देने वाला ही मरहम का पता दे रहा हैं 
पिस्ता मुस्कुराते हूँए- बाते बड़ी अच्छी करते हो तुम 
मैं- और तुम कितनी अच्छी हो बस मैं जनता हूँ
वो- अभी मत बोलो ये अभी टाइम लगेगा मुझे जानने में 
मैं- तो फिर करती क्यों नहीं जान पहचान , रुक जाओ ना तुम चली जाओ गी तो फिर मेरा मन नहीं लगेगा 
वो- इतने बेसब्रे न बनो, कही मेरा नशा चढ़ गया तो फिर मुश्किल होगी तुम्हे 
मैं- नशे का इलाज करने को तुम हो न 

पिस्ता ने अपने आँचल को सही किया और चल पड़ी घर की तरफ बिना कुछ कहे मुझे पता था अब नहीं रुकेगी ये बाकी की रात बस अब इसके बारे में सोचते ही कटेगी वो कुछ दूर गयी ही थी की मैंने पुछा फिर कब मिलोगी
वो- जिसको मिलना होता हैं वो पूछते नहीं मिल ही लिया करते हैं मैं कौन सा 90 कोस दूर हूँ घर का पता तुम्हे मालूम हैं जब जी करे आ जाना बाकि राहो में कही न कही टकरा ही जाना हैं , वैसे मैं सुबह ठीक 5 बजे मंदिर वाले नल पर जाती हूँ पानी भरने की लिए क्या पता तुम्हारी भी कोई दुआ कबूल हो जाये इतना कह कर बंदी चल पड़ी फिर न देखा मुद कर उसने 

कुछ तो बात थी इस लड़की में जो इतना भा गयी थी मुझे उसकी वो बेतकल्लुफी भरी बाते बड़ी अच्छी लगती थी मुझे मेरा जी तो चाह रहा था की रोक लू उसको पर अभी नया नया नाता जोड़ा था तो जल्दबाजी भी ठीक नहीं थी कलाई घडी पर टाइम देखा और सो गया सुबह जल्दी जो उठाना था पर अपनी किस्मत भी आजकल कुछ ज्यादा ही आँख मिचोली खेलने लगी थी आँख खुली ही नहीं , जब नींद टूटी तो सूरज सर पर खड़ा था जल्दी से भगा उधर से और सीधा आकर बाथरूम में घुस गया तैयार होने के लिए पर आज तो साली क़यामत ही हो गयी , 

सोचा नहीं था की ये सब ऐसे अचानक हो जायेगा, दरअसल जल्दबाजी में मैंने ध्यान नहीं दिया दरवाजा थोडा सा खुला था तो मैं सीधा अन्दर घुस गया जबकि अन्दर चाची नाहा रही थी पानी की बूंदों स सरोबार उनके संगमरमरी जिस्म पर मेरी भूखी नजरे जो रुकी तो अपने आप को उस नज़ारे को निहारने से ना रोक सका गोर जिस्म पर बैंगनी ब्रा- पेंटी क्या खूब लग रही थी गीले होने के कारण बिलकुल बदन से चिपक गयी थी , उधर मेरे अचानक से अन्दर घुस जाने से चाची भी सकपका गयी थी हमारी हालत लगभग एक जैसे ही थी उन्होंने जल्दी से अपने बदन पर एक तौलिया लपेटा जो बस नाम मात्र से ही उनके जिस्म को ढक पाया था 


माफ़ करना चाची पता नहीं था आप हो मैं भगा वहा से पीछे से वो गालिया बकती रही पर उनको इस तरह से देख कर मजा बहुत आया लंड में तो जैसे तूफ़ान आ गया था पर कॉलेज जाना था तो बस पंहूँचा उधर दरवाजे पर ही नीनू के दर्शन हो गए वो भी बस आई ही थी दुआ सलाम के बाद उसने पुचा आजकल बहुत भागे भागे से लगते हो क्या चक्कर हैं 
मैं- कुछ नहीं बस ऐसे ही 
वो- थोडा ध्यान हम पर भी दो 
मैं- हा हा और अन्दर चल दिया 
जैसे तैसे करके टाइम बीता पर फिर नीनू को मैथ का चैप्टर करवाना था तो उसमे लग गए स्कूल तीन बजे छूटता था पर 5 कब बज गए पता ही नहीं चला मैंने कहा आज तो देर हो जाएगी तुम्हे वो बोली कोई बात नहीं मैं चली जाउंगी, तभी उसने अपने बैग से एक टिफिन निकला और मुझे दे दिया 
क्या हैं इसमें पुछा मैंने 
वो-खोल कर देख लो
मैंने टिफ़िन खोला तो उसने ४-५ लड्डू थे 
तुम्हारे लिए हैं कहा उसने
शुक्रिया मैंने कहा , पर किस ख़ुशी में 
नीनू- मेरे भाई की डेल्ही पुलिस में नोकरी लग गयी हैं तो कल इसी ख़ुशी में बांटे थे थोड़े तुम्हारे लिए भी ले आई 
मैं लड्डू खाते हूँवे- बधाई हो तुम्हे , पर टिफिन तुम्हे कल ही वापिस मिलेगा क्योंकि इतने लड्डू अभी के अबी तो खा नहीं पाउँगा 
नीनू हँसते हूँए- हा बाबा, हां ले जाओ और जब जी करे तब वापिस कर देना 

शाम तो हो ही गयी थी मैंने सोचा की इसको इसके घर के पास तक छोड़ आता हूँ, वैसे भी कच्चे सुनसान रस्ते से जाती है तो उसके मन करने के बाद भी मैं उसके साथ हो ही लिया साइकिल चलते हूँए बार बार जब वो घंटी बजाती थी तो मुझे बहुत प्यारी लगती उसकी वो हरकत जब उसका घर थोडा पास रह गया तो मैंने कहा अब तुम जाओ मैं वापिस चला वो तो बोल रही थी की चाय पानी पी कर ही जाना पर मैंने कहा फिर कभी और मोड़ दी अपनी साइकिल गाँव की ओर तभी याद आया की आज तो क्रिकेट मैच होना था तो मैंने शॉर्टकट लिया नहर की तरफ और पास वाले जंगल के परली तरफ से होते हूँए ग्राउंड की तरफ चल दिया

नीनू के चक्कर में मैच की बात तो ध्यान से ही निकल गयी थी तेजी से पैडल मारते हूँए मैं चले जा रहा था और फिर जैसे ही जंगल को ख़तम करके मेन सड़क पर आया मेरे साइकिल वाही पर रुक गयी ..
Reply


Messages In This Thread
RE: Raj sharma stories चूतो का मेला - by sexstories - 12-29-2018, 02:27 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 559,697 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,290,100 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 975,096 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,728,151 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,143,325 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,060,486 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,432,043 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,153,150 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 297,553 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Incest Kahani पापा की दुलारी जवान बेटियाँ sexstories 231 6,475,436 10-14-2023, 03:46 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 18 Guest(s)