RE: गुलाबो
इतवार को सुबह की चुदाई के बाद , में जल्दी से नहा धोकर गांव जाने के लिए तैयार हो गयी मैने लाल और हरा घाघरा, लाल चोली तथा लाल ओढ़नी पहना था । मेंने शीशे में अपने आप को देखा , मेरे बाहर को निकले हुए नितम्ब, थोड़ा उभरा हुआ पेट , गहरी बड़ी नाभि और पुष्ट भरी हुई बांहों को देख में खुद पर फ़िदा हो गयी और शर्माकर शीशे के सामने से हट गईं। पिताजी मुझे इस रूप में देख चुके थे मगर मां और दीदी ने अभी तक मुझे लड़की के रुप में नहीं देखा था उन लोगों कि मुझे इस रूप में देख कर क्या प्रतिक्रिया होगी, में ये सोच कर परेशान थी , मगर साथ ही में किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए मानसिक रूप से तैयार भी थी।
तभी चाचा भी तैयार हो कर निकले .... ओह हो मेरी छम्मक छल्लो बिल्कुल पटाखा लग रही है कहते हुए चाचा ने मेरे नितंबों पर एक थप्पड़ मारा और घाघरे ऊपर से ही मेरी गांड़ रगड़ दी।
हटो जी, आपको हर समय एक ही चीज नजर आती है .... में छिटक कर चाचा से दूर हटती हुई बोली।
मेरी जान तू चीज ही ऐसी है.... चाचा ने हंसते हुए कहा।
आपको मेरी सेक्स चेंज सर्जरी के बारे में सोचने की फुर्सत तो है नहीं, केवल अपना मज़ा याद रहता है..... मेंने नाराजगी भरे अंदाज में कहा।
औ यार नहीं, में तुझे बताना भूल गया, मेंने पता किया था , सर्जरी के लिए सिंगापुर जाने की जरूरत नहीं बल्कि दिल्ली में ही अच्छे डॉक्टर मौजूद हैं जोकि काफी कम खर्च में इस सर्जरी को अंजाम दे सकते हैं ... मेंने एक डाक्टर से दो दिन बाद का अपाएमेंट लिया है...चाचा ने उत्साह से कहा।
ये सुनते ही मैं खुशी से झूम उठी और लपक कर चाचा को अपनी बाहों में भर लिया....आप बहुत अच्छे हो जी ... मेंने चाचा के होंठों का चुम्बन लेते हुए कहा। में चाचा के सीने से लगी हुई थी तथा मे अपने दोनों हाथ चाचा की शर्ट के अंदर डाल उनकी बालों भरी पीठ सहला रही थी।
अच्छा अब छोड़ नहीं तो लेट हो जाएंगे... चाचा ने अपने आपको छुड़ाने की कोशिश करते हुए कहा।
मगर में उनके और जोर से चिपक गयी ... मुझे इस पर बहुत प्यार आ रहा है, मेंने चाचा के लंड को पैंट के ऊपर से ही सहलाते हुए कहा।
प्यार आना तो ठीक है मेरी जान , मगर गांव पहुंचने में देरी हो जायगी ... चाचा ने कहा।
देरी होती है तो हो जाने दो, मुझे तो इसे प्यार करना है.... मेंने चाचा की पैंट के हुक व जिप खोल कर चाचा की पैंट नीचे खिसका दी ।
अब चाचा का काला मोटा लंड सुप्त अवस्था में मेरे सामने लटक रहा था , में तुरंत घुटने के बल जमीन पर बैठ गई और चाचा का सोया हुआ लंड अपने मुंह में ले कर चूसने लगी चाचा के लंड की मादक महक मुझे दीवाना कर रही थी , मेरे दोनों हाथ चाचा के चूतड़ों को सहला रहे थे ।
आहहहहह मेरी जान ऐसे ही चूसती रह बहुत अच्छा लग रहा है... आहहहहह आआआ... चाचा के मुंह से आनंदमय सिसकियां निकल रही थीं, वो दोनों हाथों से मेरे सिर के बाल सहला रहे थे।
चाचा का लंड तुंरत से खड़ा होना शुरू हो गया था , कुछ ही क्षणों में वो अपने पूरे आकार में आ गया, वो मुश्किल से मेरे मुंह में फिट हो रहा था। अब चाचा ने मेरा सिर पकड़ कर मेरे मुंह में धक्के लगाने शुरू कर दिये थे।
आहहहहह मेरी जान बहुत मज़ा आ रहा है ओफफंफ इतना मज़ा तो तेरी गांड़ मे भी नहीं है आआआआ ले मेरी जान... चाचा अनर्गल चिल्लाए जा रहा था।
मेरे मुंह से सिर्फ गल्ल्प गल्ल्प और गूं गूं की आवाजें आ रही थी, इतना मोटा लंड मेरे मुंह में संटिग कर रहा था , इससे मुझे सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी , मेरा दम घुट रहा था। चाचा करीब पांच मिनट तक मेरे मुंह को चोदता रहा फिर मैंने जबरदस्ती अपने मुंह से उसका लंड निकाल दिया।
मेंने कुछ झण अपने आप को व्यवस्थित किया फिर अपने घाघरे को कमर तक ऊपर कर डायनिंग टेबल पर हाथ रख थोड़ा सा झुक गई और अपनी गांड़ चाचा की और उभार दी , ....अब जल्दी से अंदर डाल दो जी ... में बैचेनी से बोली।
चाचा मेरे पीछे बैठ गये और हाथों से मेरे दोनों चूतड फैला कर मेरी गांड़ चाटने लगे तथा अपनी जीभ मेरी गांड़ के छेद में घुसाने लगे इससे मेरे शरीर में सनसनी सी फ़ैल गयी।
उईईईई अब बस करो जी आहहह आप तो जल्दी से लंड अंदर घुसेड़ दो नहीं तो गांव जाने में लेट हो जाएंगे.… ईईईईई...मेरा उत्तेजना के मारे बुरा हाल था।
चाचा ने मेरी गांड़ चाटना बंद कर दिया और मेरी गांड़ के छेद पर ढेर सारा थूक निकाल कर मलने लगा, उत्तेजना से मेरी गांड़ का छेद परपराने लगा था फिर मैंने अपनी गांड़ के छेद पर चाचा का गर्म गर्म सुपाड़ा महसूस किया इससे मेरे शरीर में सिरहन सी दौड़ गई , हालांकि की में इसे शहर को सैकड़ों बार अपनी गांड़ में ले चुकी थी।
चाचा ने दोनों हाथों से मेरी कमर को पकड़ा और अपना लंड अंदर धकेलना शुरू किया, मुझे गांड़ का छल्ला फैलता हुआ महसूस हुआ , फिर अचानक ही चाचा ने पूरा लंड एक ही धक्के में अंदर कर दिया।
उईईईई मां मेरे मुंह से चीख निकली, मेंने एक हाथ पीछे ले जाकर देखा , चाचा का आठ इंची लंड जड़ तक मेरी गांड़ में घुसा हुआ था अब चाचा ने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिये थे
हां हां हां...जी ऐसे ही धक्के मारो राजा...अम्मा री मर गई... बहुत मज़ा आ रहा है , थोड़ा और ज़ोर से ...और जोर से मारो जी ... आहहहहह मां .... में तो खड़े खड़े चुद गई रे..
मेरी सिसकारियों से चाचा का जोश बढ़ता जा रहा था , उसने ताबड़तोड़ धक्के लगाने शुरू कर दिये थे साथ ही मेरे चूतड़ों पर थप्पड़ मार रहा था.....ले मेरी रंडी आहहह बहुत शौक है ना तुझे चुदाई का हहहह साली फाड़ दूंगा तेरी.... चाचा ने थप्पड़ मार मार कर मेरे चूतड लाल कर दिये थे ।
अब बस करो जी आईईईई दर्द हो रहा है , धीरे करो जी मर जाऊंगी उईईईई मां... में चाचा को जोश दिलाने के लिये जोर जोर से छटपटा रही थी।
साली आग भी तेरी ही गांड़ में लगी हुई थी, अब चिल्ला रही है धीरे करो.. धीरे करो....ले बहनचोदी आज तेरी पूरी तसल्ली कराता हूं.... कहते हुए चाचा जोर जोर से धक्के लगाने लगा।
हाय रे अम्मा आज नहीं बचूंगी, ओह गॉड इस राक्षस से बचा ले रे मेरी नाजुक सी गांड़ फाड़ दी , में मस्ती में चिल्ला रही थी।
चाचा करीब दस मिनट तक ऐसे ही चोदता रहा फिर मिमियाने लगा..हाय गुलाबो मेरी जान , मेरी रानी आहहहहह मेरा निकलने वाला है ।
अभी मत झडो जी थोड़ी देर तो और करो ना ...मेंने कहा।
रानी मेरे से अब रूका नहीं जायेगा आहहह... चाचा मेरी पीठ से चिपकते हुए बोला... गुलाबो में आ रहा हूं आहहहहह आहहहहह आहहहहह करते हुए चाचा ने अपने वीर्य से मेरी गांड़ को भर दिया और जोर जोर से हांफने लगा।
सौरी मेरी जान, में जल्दी झड़ गया तेरे को प्यासा छोड़ दिया चाचा शर्मिन्दा होते हुए बोला , और पउक्क की आवाज के साथ अपना लंड मेरी गांड़ से निकाल लिया।
मेरे राजा किसने कह दिया कि मैं प्यासी रह गई, आपने तो मेरी बैंड बजा दी ...आप के साथ तो मुझे परम सुख मिलता है जी....में चाचा के मनोबल को बढ़ाने की गर्ज से बोली मुझे डर था कि चाचा हीनभावना का शिकार ना हो जाए। फिर मैंने डायनिंग टेबल से पेपर नेपकिन उठा अपनी गांड़ तथा चाचा के लंड की अच्छी तरह सफ़ाई करी।
चलिये जी मोटरसाइकिल निकालिये अब लेट हो रहें हैं .... मेंने कहा, फिर हम गांव के लिए निकल पड़े।
क्रमशः
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